Geography, asked by ajitmodak8236, 1 year ago

द्वितारक परिकल्पना किसे कहते है

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Answered by ArchitPathak
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रसेल की द्वितारक परिकल्पना

एस○एन○रसेल तथा लिटिलटन ने यह विचार व्यक्त किया कि आरम्भ में सूर्य अकेला नहीं था बल्कि इसके निकट एक साथी तारा भी था। जो सूर्य से 290 करोड़ किमी○ दूर था। सूर्य तथा उसका साथी तारा ही केन्द्र की परिक्रमा कर रहे थे अचानक तीसरा तारा साथी तारे के 45-65 लाख किमी○ पर आ निकला। इसके आकर्षण शक्ति से साथी तारे में ज्वार उत्पन्न हुआ। इसका सूर्य पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि यह सूर्य से बहुत दूर था। साथी तारे का ज्वार - पदार्थ सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से सूर्य की परिक्रमा करने लगा। इसी पदार्थ के घनीभूत होने से ग्रहोथ की उत्पत्ति हुई। लिटिलटन का अनुमान है कि ग्रहों के निर्माण के बाद वे ठीक तरल अवस्था में रहे होंगे और ग्रहों के समय आकर्षण के कारण उसमें ज्वार उत्पन्न होना स्वाभाविक ही है। इन ज्वारों द्वारा ही उपग्रहों की रचना हुई।

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