दिव्य लोक सभाष चौक टिळक नगर पणे से साहिल/सरिता देशपाड पड़ा पा
के लिए जिलाधीश महोदय, पुणे को पत्र लिखता/लिखती है।
5-ए
वाक्य
(2) गद्य आकलन - प्रश्ननिर्मिति :
• निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छद्र म
पर विश्वास करने वालों का दावा है कि पिछले जन्मों के कर्मों के अनुसार सफलता या
लता मिलती है या सुख-दुख आते हैं। कई बार भरसक प्रयत्न करने के बाद भी व्यक्ति असफल
जाता है तो दुखी हो उठता है। यह मानने के लिए उसे मजबूर होना पड़ता है कि भाग्य में वही लिखा
सफलता केवल प्रयत्न और परिश्रम से ही नहीं मिलती। उसके लिए व्यावहारिक ज्ञान, सूझ-बूझ, धैर्य,
आत्मविश्वास, एकाग्रता आदि कई गुण आवश्यक हैं। काम को बिना समझे, गलत ढंग से, उचट मन से,
उद्दश्य की पूरी और स्पष्ट जानकारी पाए बिना कितना भी परिश्रमपूर्वक किया जाए, तो भी सफलता मिलना
सभव नहीं होता है। जब आवश्यक गुणों के अभाव में मेहनत करने वाले को सफलता नहीं मिलती तो कहा
जाता है कि पिछले जन्म के कर्मों के कारण उसे सफलता नहीं मिली। तब व्यक्ति अपने भाग्य को अपनी
असफलता का उत्तरदायी मानकर चुप बैठ जाता है। भाग्यवाद व्यक्ति को निराश, निष्क्रिय और अकर्मण्य
बना देता है। अगर सफलता के कारण ढूँढे जाएँ और पुरुषार्थी बनकर काम वह फिर से करने का संकल्प
किया जाए तो असफलता के कारणों से बचने की समझ आती है और व्यक्ति सफल हो सकता है।
(आ)
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Answer: sorry I didn't tell it in hindi s ry
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