देवनागरी लिपि के लेखन में आने वाली कठिनाइयों की उदाहरण सहित चर्चा कीजिए
Answers
देवनागरी लिपि के लेखन में निम्नलिखित कठिनाइयां हो सकती हैं...
• देवनागरी लिपि को लिखने में ऊपर शिरोरेखा को लगाया जाता है, इस कारण इस लिपि को शीघ्रता से लेने में कठिनाई का अनुभव होता है। इसलिए बहुत से लोग जल्दी जल्दी लिखने के लिए ऊपर की शिरोरेखा का प्रयोग नहीं करते।
• देवनागरी लिपि के कुछ चिन्हों में एकरूपता का अभाव है। जैसे ‘र’ वर्ण के लिये 4 रूपों में इसका प्रयोग होता है, जैसे कर्म, क्रम, पृथ्वी, ट्रेन।
• देवनागरी में कुछ अक्षर ऐसे हैं जो दो तरह से लिखे जाते हैं।
• देवनागरी में मात्राओं का कोई व्यवस्थित नियम नहीं है, कोई मात्राओं ऊपर लगती है, तो कोई पीछे।
• देवनागरी लिपि में कुछ वर्ण साम्य मूलक होने के कारण उनको पढ़ने में कठिनाई होती है। जैसे व और ब, म और भ, घ और ध।
• देवनगरी में कहीं-कहीं क्रमानुसारिता का गुण भी नहीं है, जैसे पिता शब्द में सबसे पहले इ की ध्वनि लिखी गई है लेकिन उच्चारण करने में पा धा नि अंकित होती है।
• देवनागरी लिपि को लिखने में कई-कई अनियमितता है।
• देवनागरी टाइपिंग और मुद्रण मनाली में रोमन लिपि के मुकाबले कठिन है।