Chemistry, asked by pinturajarya09, 3 months ago

दिये गए अज्ञात अकार्बनिक लवण m3 मे एक धनायन मूलक शुष्क औऱ आर्द्र परीक्षण के आधार पर पहचान करे​

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Answered by Anonymous
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Answer:

फिल्म आर्टिकल 15 की शुरूआत एक प्रसिद्ध जन गीत से होती है।

कहब तो लग जाई धक् से, धक् से-

बड़े-बड़े लोगन के बंगला दो बंगला-

और हीरो हौंडा अलग से, अलग से-

ये जन गीत मानों यह संदेश दे रहा है कि इस फिल्म में विषमता और भेदभाव की कई

परते खुलने वाली है। विदेश में पढे आयान रंजन जो की एक आई पी एस अधिकारी है का किरदार

निभाया है आयुस्मान खुराना ने। वे एन आर आई है उन्हे अपने देश से बेहद प्यार है तथा उनके मन में

हिन्दूस्तान की एक सुंदर छबी बनी हुई है। बिल्कुल किसी स्वर्ग सी। वे अपनी गर्ल फैन्ड अदिती से एस

एम एस के माध्यम से अपनी नई पोस्टिंग का हाल बयां करते है और इसी के माध्यम से वे एक दूसरे

के विचार का आदान प्रदान करते है। दर्शक उनके मन में चल रहे उथल पुथल को भली भाती समझ पाते

है। आयान कहते है सुना था देश संविधान से चल रहा है लेकिन यहां संविधान का नामों निशान रही है।

फिल्माये गये गांव के नाम और परिस्थिती से ये मालूम होता है कि आयान रंजन की पोस्टिंग उत्तर

प्रदेश के किसी पिछडे. कस्बे में हुई है । इस कस्बे में कहने के लिए तो पुलिस स्टेशन है ए एस पी

आँफिस है लेकिन कानून मंदिर के महंत (एक ब्राम्हण पुजारी) का चलता है।

फिल्मी फ्लैश बैक में दो नाबालीग दलित लड़कियों के रेप के बाद फाँसी में टांग दिये

जाने की घटना से शुरु होती है। लड़कियों के तीन दिन ग़ायब रहने के दौरान परिजनों की मिन्नत के

बावजूद एफ आई आर नही लिखी जाती है। यहां तक कि लड़कियों के मौत के बाद भी थानेदार ब्रम्ह

दत्त द्वारा एफ आई आर नही लिखा जाता है। बल्कि मामला आनर किलींग का बताया जाता है।

आयान रंजन को शक होता है कि कारण कुछ और है। पोस्ट मार्टम रिर्पोट को बदलने के लिए महिला

डाक्टर को दबाव डाला जाता है। इस दौरान लड़की के परिजनों को कई बार जलालत झेलनी पडती है।

यहां पर भीम आर्मी जैसा का किरदार उभर कर आता है और इस हत्या के विरोध में दलित अपना काम

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