दीये और तूफान की यह कहानी,
चली आ रही और चलती रहेगी।
जली जो प्रथम बार लौ उस दीये की,
जली स्वर्ण-सी और जलती रहेगी।
रहेगा धरा पर दीया एक भी यदि,
कभी तो निशा को सवेरा मिलेगा।
Q इस कविता का भावार्थ बताइए।
Please give me answer it's urgent
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इस कविता का भावाथ यह है कि यह दुनिया मे चाहे कितनी भी बुराइया हो और केवल एक अच्छाई हो तब भी बुराइयों को हराया जा सकता है ।
Done! Hope you are satisfied......Good life
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