दबाव-समूहों की गतिविधियाँ लोकतांत्रिक सरकार के कामकाज में कैसे उपयोगी होती हैं?
Answers
➡ Dabav samuh , sarkar per logo / janta ke heet mein karye Karne ke liye Dabav bnate Hain .
➡ Sarkar ke Kisi galat fesle per andolan bhi karte Hain .
➡ Ye sarkar ke kaamo per nigrani rakhte Hain .
उत्तर :
दबाव-समूहों की गतिविधियाँ लोकतांत्रिक सरकार के कामकाज में निम्न प्रकार से उपयोगी होती हैं :
(क) दबाव समूह कुछ लोगों का समूह है जो अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए सरकारी नीतियों को प्रभावित करते हैं। समान हितों, पेशो से संबंधित लोग इस प्रकार के समूह का निर्माण करते हैं । शुरुआत में तो यही लगता है कि दबाव समूह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है क्योंकि यह किसी विशेष समूह के हितों को प्राप्त करने के लिए सरकारी नीतियों को प्रभावित करते हैं।
(ख) लोकतंत्र में सरकार को समाज के सभी समूहों में हितों का ध्यान रखना पड़ता है। इनके विरूद्ध एक और कारक यह जाता हैं कि यह समूह सत्ता को हथियाने का प्रयास तो करते हैं परंतु बिना किसी उत्तरदायित्व को लिए । राजनीतिक दलों की तरह यह समूह चुनाव में जनता के सामने आने को बाध्य नहीं होते तथा ये किसी के प्रति ज़िम्मेदार भी नहीं होते। यह जनता से किसी प्रकार का समर्थन तथा धन भी नहीं लेते हैं । कई बार तो यह अपने संकीर्ण दृष्टिकोण के लिए अपनी संपदा के बल पर जनता की हमदर्दी बटोरने का प्रयास करते हैं।
(ग) दबाव समूह तथा आंदोलन लोकतंत्र के लिए आवश्यक भी होते है। अगर देश में सभी को समान अवसर प्राप्त नहीं हो रहे हैं तो यह समाज के लिए ठीक नहीं है। साधारणतया सरकार अमीर तथा प्रभावशाली लोगों के दबाव में आ जाती है। आंदोलन तथा जनकल्याण समूह इस समय इस नियंत्रण को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं तथा यह समय-समय पर सरकार को आम जनता की आवश्यकताओं के बारे में बता सकते हैं।
(घ) अलग अलग हित समूह भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । अगर एक हित समूह अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सरकार पर दबाव डालता है तो दूसरा समूह उसके विरुद्ध जा सकता है तथा पहले समूह के रास्ते में रोड़े अटका सकता है। यहां से ही सरकार को जनता की आवश्यकताओं का पता चलता है तथा वह अलग-अलग हितों वाले समूहों के हितों का ध्यान रखती है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।