दहेज प्रथा pr niband Hindi me
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उन लोगों को ऐसा करते हुए जरा भी शर्म का एहसास नहीं होता है वह खुलेआम दहेज की मांग करते है। अगर उनको दहेज नहीं मिलता है तो भी शादी करने से भी इनकार कर देते है। यह लोग समाज के लिए बहुत ही खतरनाक है। यह लोग हर जगह पर पाए जाते है जब भी किसकी नई शादी होती है तो यह लोग वहां पर पहुंच जाते है और उनसे पूछते है कि बताओ दहेज में क्या-क्या मिला और अगर दहेज में कम समान मिला होता है तो यह लोग अपना बखान करने लग जाते है और दूसरे को नीचा दिखाते है जिससे इस प्रथा को और हवा मिलती है।
वर्तमान समय में तो दहेज के लिए अब महिलाओं का शोषण भी होने लगा है उनको तरह-तरह के ताने सुनाए जाते है। और कोई लोग तो अब इतना आगे बढ़ गए है कि दहेज ना मिलने पर अपनी बहुओं को मारते-पीटते है और कुछ समय पहले खबर आई थी कि अब उनको जिंदा जलाकर मारा भी जाने लगा है।
ऐसे लोगों के कारण एक तरफ भारत विकासशील देश से विकसित होने के लिए बढ़ रहा है लेकिन इन लोगों की सोच की वजह से भारत में एक दहेज रूपी महामारी भी भयानक रूप ले रही है। अब समय आ गया है कि इन लोगों को समाज से बाहर किया जाए और उचित दंड का प्रावधान भी किया जाए।
दहेज प्रथा अभी इतनी नासूर बन गई है कि इतने कई अमीर और गरीब परिवारों की जिंदगी तबाह कर दी है। जिसके कारण कई हंसते खेलते परिवार अब टूट गए है। दहेज प्रथा का यह विकराल रूप धारण करने के कई कारण है जैसे की हमारे समाज में चले आ रहे पुराने रीति रिवाज और लोगों का लालच, अशिक्षा, लोगों की दकियानूसी सोच के कारण इस प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है।
1. पुराने रीति रिवाज –
लोग दहेज लेने के लिए अब पुराने रीति रिवाजों का सहारा लेते है और लड़की वालों से कहते है कि यह तो पुरानी परंपरा है आपको दहेज देना ही पड़ेगा। लेकिन अब उनको यह कौन समझाए कि पुराने समय में लोग अपनी इच्छा अनुसार उपहार दिया करते थे। लेकिन लोगों ने पुराने रीति रिवाजों को दहेज का चोला पहना करें अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे है।
2. पुरुष प्रधान समाज –
भारत में पुरुष प्रधान समाज होने के कारण महिलाओं को अपनी बात रखने का कोई अधिकार नहीं होता है। जिसके कारण दहेज के लिए महिलाओं का शोषण होता है उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है। ताकि वे अपने घरवालों से दहेज लेकर आए। महिलाओं को बचपन से ही यह समझा दिया जाता है कि पुरुषों की हर बात माननी चाहिए और उनका आदर सम्मान करना चाहिए इसी में उनकी भलाई है और यही उनका कर्तव्य है जिस कारण महिलाएं अपने आप को कमजोर मानती है। और इस दहेज रूपी महामारी का शिकार हो जाती है।
3. अशिक्षा –
हमारे विशाल देश में आज भी कई लोग पढ़े लिखे नहीं है जिसके कारण वह सोचते है कि अगर उन्होंने दहेज नहीं दिया तो उनकी बिटिया की शादी नहीं होगी। उन्हें कहा जाता है कि दहेज देना उनका कर्तव्य है। शिक्षा की कमी के कारण उन लोगों को भारत सरकार के द्वारा बनाए गए दहेज के खिलाफ कानूनों का भी नहीं पता है। जिसका लाभ लालची व्यक्ति दहेज लेने के लिए उठाते है।
4. दहेज मान – सम्मान का विषय –
वर्तमान में दहेज को लोगों ने अपने मान सम्मान का विषय बना लिया है जिसको जितना ज्यादा दहेज मिलता है लोग उसका उतना ही सम्मान करते है जिसके कारण दहेज प्रथा को और बढ़ावा मिल रहा है। लोग सोचते है कि अगर उन्होंने दहेज नहीं लिया तो समाज में उनका कोई सम्मान नहीं करेगा उनकी कोई इज्जत नहीं रह जाएगी इसलिए वह लड़की वालों से दहेज के लिए विशेष मांग रखते है। अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो भी रिश्ता तोड़ देते है या फिर शादी होने के बाद लड़की को दहेज के लिए प्रताड़ित करते है।