Political Science, asked by PragyaTbia, 11 months ago

दक्षिण एशिया में द्विपक्षीय संबंधों की बाहरी शक्तियां कैसे प्रभावित करती हैं ?

Answers

Answered by TbiaSupreme
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"देश पर बाहरी घटनाओ का असर होता ही है चाहे वो अपने आप को इनसे अलग रखने की कितनी भी  कोशिश करें | दक्षिणी एशिया की राजनीति में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका का महत्वपूर्ण स्थान है| पिछले दशकों में भारत और चीन के संबंधों में काफी सुधार हुआ है|

भारत-चीन संबंधों के लिए एक बड़ी कठिनाई चीन के पाकिस्तान के साथ रणनीतिक साझेदारी है वैश्वीकरण के कारण एशिया महाद्वीप के यह 2 बड़े देश ज्यादा नजदीक आए हैं| इनके आर्थिक संबंध 1991 के बाद ज्यादा मजबूत हुए हैं|  

दक्षिण एशिया में अमेरिका का प्रभाव शीत युद्ध के बाद तेजी से बढ़ा है शीत युद्ध के बाद अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अपने संबंधों में सुधार किया है और भारत-पाक के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है दोनों देशों में उधार नीति अपनाने के साथ ही आर्थिक सुधार भी हुए हैं| इससे अमेरिकी भागीदारी दक्षिणी एशिया में और गहरी हुई है अमेरिका में दक्षिण एशियाई मूल के लोग बहुतायत से हैं| इस क्षेत्र की जनसंख्या काफी अधिक है  और बाजार का आकार भी बड़ा है| इस कारण इस देश की सुरक्षा और शांति के भविष्य से अमेरिका के हित में बंधे हुए हैं|

"

Answered by suggulachandravarshi
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Answer:

1. इसमें कोई दोराहे नहीं कि दक्षिण एशिया के देशों के

आपसी संबंधों को बाहरी शक्तियाँ प्रभावित करती हैं जैसे कि भारत तथा पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों को बाहरी शक्ति अमेरिका निश्चित रूप से प्रभावित कर रहा है।

2. इतना ही नहीं चीन भी इन देशों के आपसी रिफ्लो को काफी हद तक प्रभावित कर रहा है। भारत व चीन के रिश्ते में पहले से कुछ सुधार हुआ है परंतु चीन का पाकिस्तान के साथ भी गहरा संबंध है, जिसके कारण भारत तथा चीन एक दूसरे के नजदीक नहीं आ पाए हैं।

3. शीत युद्ध के बाद दक्षिण एशिया में अमरीकी प्रभाव तेजी से बढ़ा है। अमेरिका ने शीतयुद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों से अपने संबंध बेहतर किए है। अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच में मध्यस्थ की भूमिका निभाकर अपना प्रभाव तेजी से बढ़ाया है। दोनों देशों के द्वारा उदारीकरण की नीति अपनाना भी इसी प्रभाव का एक परिणाम है।

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