Hindi, asked by bibifatimarmomin143, 6 months ago

दखा, एक बड़ा बरगद का पेड़ खड़ा है;
उसके नीचे हैं
छोटे-छोटे कुछ पौधे-
बड़े सुशील-विनम्र।
लगे मुझसे यों कहने,
"हम कितने सौभाग्यमान हैं।
आसमान से आगी बरसे, पानी बरसे,
आँधी टूटे, हमको कोई फिकर नहीं है।
एक बड़े की बरद छत्र छाया के नीचे
हम अपने दिन बिता रहे हैं;
बड़े सुखी हैं!"
देखा, एक बड़ा बरगद का पेड़ खड़ा है;
उसके नीचे हैं
छोटे-छोटे कुछ पौधे-
असंतुष्ट औ' रुष्ट।
देखकर मुझको बोले,
"हम भी कितने बदकिस्मत हैं!
जो खतरों का नहीं सामना करते
कैसे वे ऊपर को उठ सकते हैं?
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Answers

Answered by cuteattitudegirl
2

Answer:

good poem

but what to do of this..........

Answered by varmatp624
1

Answer:

good poem ........................

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