Hindi, asked by maheshbattu302, 6 months ago

दनांक
पालीहलाई
210ce12020
q.हे मातृभूमि
कविता
Do०६ २०२०
रामप्रसाद
हे मातृभूमि तेरे चरणो में मीठा नपा
में शान्ति फैट अपनी , तेरी धारण में लाऊ।।

माथे पेतू चंदन , छाती पेतू हो माता
जिता गीत तूहो मेरातेरा ही नामा
जिससे
सपूत
उपते, श्रीराम - कृषालेले;
उसधूलको में तेरी निजशीठा पेचढ़ा
समुद्र जिसी पद रजको निया
करता प्रणाम तुझको में वेधरण फयाँका
सेवा में तेरी माता में मेवणापतजकर,
वह पुष्य नाम तेरा, प्रतिदिन सुन-सुनाया
तेरे ही काम आऊँ, तेरा ही मंत्र गाउँ
मन और देह तुम पर बलिदान में लाऊँ​

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Answered by elaiyarajaguru
0

Answer:

I can't understand sorry.......

Explanation:

sorry pa...............

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