Hindi, asked by saptagirishr2987, 1 year ago

thank Shlok in Sanskrit with their meaning in Hindi​

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Answered by saltanat31
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Answer:

अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:।

चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशोबलं।।

अर्थात:- बड़ों का अभिवादन करने वाले मनुष्य की और नित्य वृद्धों की सेवा करने वाले मनुष्य की आयु, विद्या, यश और बल -ये चार चीजें बढ़ती हैं।

9. दुर्जन:परिहर्तव्यो विद्यालंकृतो सन ।

मणिना भूषितो सर्प:किमसौ न भयंकर:।।

अर्थात:- दुष्ट व्यक्ति यदि विद्या से सुशोभित भी हो अर्थात वह विद्यावान भी हो तो भी उसका परित्याग कर देना चाहिए। जैसे मणि से सुशोभित सर्प क्या भयंकर नहीं होता?

10. हस्तस्य भूषणम दानम, सत्यं कंठस्य भूषणं।

श्रोतस्य भूषणं शास्त्रम,भूषनै:किं प्रयोजनम।।

अर्थात:- हाथ का आभूषण दान है, गले का आभूषण सत्य है, कान की शोभा शास्त्र सुनने से है, अन्य आभूषणों की क्या आवश्यकता है।

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