Hindi, asked by arjunsingh12741, 5 months ago

फ़ादर कामिल बुल्के एक सन्यासी थे, परन्तु पारंपरिक अर्थ में हम उन्हें सन्यासी क्यों नहीं कह सकते?​

Answers

Answered by samriddhijainjain
57

Answer:

फ़ादर बुल्के अपनी वेशभूषा और संकल्प से संन्यासी थे परंतु वे मन से संन्यासी नहीं थे। ... फ़ादर बुल्के को भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग इसलिए कहा गया है क्योंकि वे बेल्जियम के रेश्व चैपल से भारत आकर यहाँ की संस्कृति में पूरी तरह रच-बस गए थे।

Explanation:

ok

Answered by 12ishika19
15

Answer:

फ़ादर बुल्के अपनी वेशभूषा और संकल्प से संन्यासी थे परंतु वे मन से संन्यासी नहीं थे। ... फ़ादर बुल्के को भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग इसलिए कहा गया है क्योंकि वे बेल्जियम के रेश्व चैपल से भारत आकर यहाँ की संस्कृति में पूरी तरह रच-बस गए थे। उन्होंने संन्यासी बन कर भारत में रहने का फैसला किया

इसका अर्थ यह है कि बुल्के जी संयासी होते हुये भी संयासी नहीं थे।

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