दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही तो नहीं आता
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दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही नींद नहीं आती, यदि थोड़ी बहुत आ भी जाए तो मिलने वाले जगा देते हैं - खास कर वे लोग जो सिर्फ औपचारिकता निभाने आते हैं। इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती, ये सिर्फ सूरत दिखाने आते हैं। ... मैंने दर्द के मारे कुछ चीखते हुए जब आँख खोली तो वे मुस्कुराते हुए बोले - “कहिए अब दर्द कैसा है
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