दर्द की मारी वन - वन डोलु वैध मिला नाहि कोई
मीरा के प्रभु पीर मिटै जब वैध सवालिया होई
meaning
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Answer:
मीरा जी कहती है कि उनकी बीमारी के वजह से अर्थात उनके दुखो और कष्टों का निवारण तब ही होगा जब वैद्य सांवलिया अर्थआत श्री कृष्ण मिलें अन्यथा वह दर ब दर भटकती ररहेगी
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अर्थ: मीरा जी का दावा है कि वैद्य सांवलिया या श्रीकृष्ण के मिलने पर ही उनकी बीमारी, यानी उनके दुख और कष्ट दूर होंगे; नहीं तो वह घर-घर घूमती रहेगी।
Explanation:
कहा जाता है कि मीरा की माँ ने उन्हें चार साल की उम्र में कहा था कि वह कृष्ण से शादी करेंगी। मीरा ने तभी से कृष्ण को अपनी पत्नी मान लिया था। अपने अजीब रिश्ते के कारण, वह कई हत्या के प्रयासों का लक्ष्य रही है। दूसरी ओर, कृष्ण हमेशा मीरा की रक्षा करने और उसकी जान बचाने के लिए मौजूद थे। मीरा कृष्ण की भक्त थी और उन्हें अपनी पत्नी समझती थी। जैसे-जैसे वह बड़ी होती गई, उसका प्यार और वफादारी और मजबूत होती गई। उसने चार साल की उम्र में एक शादी देखी और अपनी माँ से पूछा, "मेरा दूल्हा कौन होगा?" उसकी माँ ने श्री कृष्ण की मूर्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह उसका दूल्हा होगा।
इस प्रकार मीरा जी ने श्रीकृष्ण की मूर्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह मीरा का स्वामी है। मीरा उनकी पत्नी हैं।