Hindi, asked by sunitachauhan8447, 5 months ago

दरस बिन दूखन लागे नैन।
जबके तुम बिछुरे प्रभु मोरे, कबहुँ न पायो चैन।
सबद सुनत मोरी छतिया काँपे, मीठे-मीठे बैन।
कल न परत हरि मग जोवत भई छमासी रैन।
मीरा के प्रभु कबरे मिलोगे, दुख मेटन सुख दैन।​

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Answered by naveenkumar82104
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Explanation:

what is the name of this poem

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