Hindi, asked by priyanshi2794, 1 day ago

दशानन की पीड़ा क्या थी?​

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Answered by harishvadhrodia
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Answer:

महान ग्रंथों में शामिल दुर्लभ 'रावण संहिता' में उल्लेख मिलता है कि दूसरे जन्म में वही तपस्वी कन्या एक सुंदर कमल से उत्पन्न हुई और जिसकी संपूर्ण काया कमल के समान थी। इस जन्म में भी रावण ने फिर से उस कन्या को अपने बल के दम पर प्राप्त करना चाहा और उस कन्या को लेकर वह अपने महल में जा पहुंचा। जहां ज्योतिषियों ने उस कन्या को देखकर रावण को यह कहा कि यदि यह कन्या इस महल में रही तो अवश्य ही आपकी मौत का कारण बनेगी। यह सुनकर रावण ने उसे समुद्र में फेंकवा दिया। तब वह कन्या पृथ्वी पर पहुंचकर राजा जनक के हल जोते जाने पर उनकी पुत्री बनकर फिर से प्रकट हुई। शास्त्रों के अनुसार कन्या का यही रूप सीता बनकर रामायण में रावण के वध का कारण बनी। रावण ने अपने काल में बहुत अच्छे नेक राजाओं का राजाओं का हनन किया था और वह अहंकार से काफी भर चुका था इस अहंकार और अपने स्वाभिमान से रावण अपने आपको खुद से देवताओं से भी बहुत उच्च समझने लगा था जो उसके विनाश और पीड़ा का कारण बना और उसकी अमर्त्य जीवन का राज उसके भाई ने श्री रामचंद्र जी को बता दिया जिससे उसका अंत हुआ

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