Hindi, asked by sahujivanlal67, 3 months ago

दत्ता जी राव ने लेरवक की पढ़ाई की समस्या का
समाधान किस प्रकार किया​

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Answered by Anonymous
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Explanation:

मेरे खयाल से पढ़ाई-लिखाई के संबंध में लेखक और दत्ताजी राव का रवैया बिलकुल सही था क्योंकि लेखक को पढ़ने की इच्छा थी जिसे दत्ताजी राव ने सही पहचाना। उसकी प्रतिभा के बारे में दत्ताजी ने पूरी तरह जान लिया था। वैसे भी लेखक को पढ़ाने के पीछे दत्ताजी राव का कोई स्वार्थ नहीं था जबकि लेखक के पिता का पढ़ाई-लिखाई के बारे में रवैया बिलकुल गलत था। वास्तव में लेखक का पिता अपने स्वार्थ के लिए अपने बेटे को नहीं पढ़ाना चाहता था। उसे पता था कि यदि उसका बेटा स्कूल जाने लगा तो उसे ऐश करने के लिए समय नहीं मिलेगा। न ही वह टखमाबाई के पास जा सकता था। इसलिए हमें दत्ताजी राव और लेखक का रवैया पढ़ाई के संबंध में बिलकुल ठीक लगता है।

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