Hindi, asked by akansha6792, 1 month ago

ददरिया में स्त्री का पोशाक क्या है

Answers

Answered by sadhanashinde83990
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Explanation:

विशेषता का सौंदर्य यहां के आभूषणों में निहित है। उम्र-वर्ग, सामाजिक दरजे और भौगोलिक कारक से वर्गीकृत होता आभूषणों का भेद, इसे व्यापक और समृद्ध कर देता है। आभूषणों के रूप में सौंदर्य की कलात्मक चेतना का एक आयाम हजारों साल से जीवन्त है और आज भी सुनहरे-रुपहले पन्नों की तरह प्रकट है।

प्राकृतिक एवं अचल श्रृंगार ‘गोदना’ से इसका प्रारंभिक सिरा खुलता है। टोने-टोटके, भूत-प्रेतादि से बचाव के लिए गोदना को जनजातीय कुटुम्बों में रक्षा कवच की तरह अनिवार्य माना जाता रहा है। अधिकतर स्त्रियां, पवित्रता की भावना एवं सौंदर्य के लिये गोदना गोदवाती हैं। फूल-पत्ती, कांच-कौड़ी से होती रुपाकार के आकर्षण की यह यात्रा निरंतर प्रयोग की पांत पर सवार है। गुफावासी आदि मानव के शैलचित्रों, हड़प्पाकालीन प्रतिमाओं, प्राचीन मृण्मूर्तियों से लेकर युगयुगीन कलावेशेषों में विभिन्न आकार-प्रकार के आभूषणों की ऐतिहासिकता दिखाई पड़ती है।

Answered by ahmadfardeen571
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Answer:

महिलाएं आकर्षक गहनों और गहनों के साथ 'लुगड़ा' (साड़ी) और 'पोलखा' (ब्लाउज) पहनने के लिए प्रसिद्ध हैं जो संस्कृति और विरासत का एक अभिन्न अंग  है।

Explanation:

ददरिया गीत नृत्य छत्तीसगढ़ के समस्त मैदानी क्षेत्रों के किया जाता है ददरिया के कई बड़े बड़े लोक कलाकार हुए है जैसे कुलेश्वर ताम्रकार ,झड़ी राम देवांगन, कविता वासनिक, आदि ।

ददरिया नृत्य लोगो के मनोरंजन के लिए आयोजित किये जाते हैं ।इस मे एक गायक और एक गायिका होती है ।वादक और नृत्य करने वाले सभी को मिलाकर 30 से 40 तक की संख्या हो सकती है ।यह नृत्य प्रेम ,आकर्षण ,के भाव पर आधारित होता है ।

#SPJ3

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