Hindi, asked by manjeshkumar8425, 9 months ago

धांचे के आधार पर कहानी लेखन

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Answered by sonikatoppo
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Answer:

एकता में शक्ति होती है

शिवपुर नामक एक गाँव था। गाँव के सभी लोग एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते थे। गाँव के लोग लड़का-लड़की में भेद नहीं करते थे। गाँव की सभी लड़कियों को लड़कों की ही भाँति शिक्षा का समान अवसर परिवार द्वारा दिया जाता था। गाँव में विद्यालय जाने वाले लड़कों की संख्या लड़कियों की अपेक्षाकृत बहुत कम थी। गाँव में हर तरह की सुविधा तो थी, लेकिन पानी का अभाव था। गाँव की लड़कियाँ घर के कामों में भी सहायता करती थीं। उन्हें पीने के लिए बहुत दूर से पानी लाना पड़ता था इससे उन्हें पढ़ाई के लिए बहुत कम समय मिलता था।

वे सभी इस समस्या को सुलझाने का उपाय खोजने लगीं। एक दिन सभी लड़कियाँ एकजुट होकर इस परेशानी को सुलझाने के लिए चर्चा कर रही थीं। उनमें से एक ने कहा, ’यदि हमारे गाँव में तालाब या कोई अन्य जलस्रोत होता तो हमें पानी लाने दूर तक नहीं जाना पड़ता। अत: मेरे विचार से हमें गाँव में ही एक बड़े-से तालाब की खुदाई करवानी चाहिए। इसमें वर्षा का जल एकत्रित होगा, जिसका उपयोग हम कर सकते हैं। इसके अलावा तालाब के कारण हमारे गाँव की धरती में भी पानी का स्तर धीरे-धीरे बढ़ जाएगा। इसका हमें आने वाले भविष्य में बहुत फायदा होगा।“ सभी लड़कियाँ समस्या का उपाय प्राप्त कर चुकी थीं। उन्होंने गाँववालों को इस संदर्भ में समझाया। गाँववालों को भी यह योजना सही लगी। गाँववालों की सहायता से लड़कियाँ इस अनोखे प्रयोग में जुट गइर्। जल्द ही गाँववालों के कठोर परिश्रम से गाँव में दो बड़े तालाबों की खुदाई पूरी हुई। अब सभी को इंतजार था वर्षा ऋतु का।

कुछ समय बाद वर्षा ऋतु की शुरुआत हुई। उस वर्ष झमाझम वर्षा हुई। गाँव के दोनों तालाब लबालब भरकर बहने लगे। गाँव में जल की समस्या का निदान हुआ। दो-तीन वर्षों में गाँव की धरती के जलस्तर में भी काफी सुधार आया। इसके बाद गाँव में एक सार्वजनिक नलकूप लगवाया गया। लड़कियों का प्रयोग सफल हुआ और सारा गाँव खुशहाल हो गया।

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