धारावाही परिनालिका .............. के समान व्यवहार करती है
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धारावाही परिनालिका चुम्बक के समान व्यवहार करती है
जब परिनालिका में विद्युद धारा प्रवाहित की जाती है तो इसके भीतर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है, जिसका एक सिरा उत्तर ध्रुव व दूसरा सिरा दक्षिण धुर्व की तरह व्यहार करता है.
छड़ चुम्बक की सहायता से धारावाही परिनालिका के उत्तर ध्रुव व दक्षिण ध्रुव का निर्धारण किया जा सकता है, यदि छड़ चुम्बक का उत्तर सिरा परिनालिका की तरफ आकर्षित होता है तो वह धारावाही परिनालिका का दक्षिणी ध्रुव होगा, इसके विपरीत होने पर यह उसका उत्तरी ध्रुव होगा.
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