ध्रुवपद की उत्पत्ति एवं विकास का वर्णन कीजिए।
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ध्रुव नामक सालगसूड प्रबन्ध को अधिकतर आधुनिक ग्रन्थकारों ने ध्रुपद की उत्पत्ति का स्त्रोत माना है। ध्रुपद को नवीन रूप प्रदान करने में राजा मानसिंह तोमर ने भी इस विधा को मूल स्त्रोत नाम के आधार पर ध्रुपद अथवा ध्रुवपद कहा है। 'शब्द समूल' । अतः ध्रुवपद का अर्थ है जिसका प्रत्येक शब्द निश्चित, अचल अथवा अटल हो।
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