धूत कहौ........ वाले छंद में ऊपर से सरल व निरीह दिखलाई पड़ने वाले तुलसी की भीतरी असलियत एक स्वाभिमानी भक्त ह्रदय की है। इससे आप कहाँ तक सहमत हैं ?
Answers
Answered by
8
धूत कहौ........ वाले छंद में ऊपर से सरल व निरीह दिखलाई पड़ने वाले तुलसी की भीतरी असलियत एक स्वाभिमानी भक्त ह्रदय की है।
इस छंद को पढ़कर ही पता चल जाता है कि तुलसी बहुत ही स्वाभिमानी भक्त हैं। उन्हें लोगों के कहने से दुख होता है। जब लोग उनकी भक्ति के विषय में भला बुरा कहते हैं। उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता है कि लोग उनके विषय में क्या कहते हैं। बात तब उन्हें खराब लगती है, जब लोग उनकी भक्ति को ही बुरी दृष्टि से देखते हैं। शायद यही कारण है कि वह इस पंक्ति के माध्यम से लोगों के आक्षेप का जवाब देते हैं।
मैं इस कथन से पूरी तरह सहमत हूँ।
हमें किसी के साथ कोई वैवाहिक संबंध स्थापित नहीं करना , जहाँ पर किसी की कोई इज्ज़त न करे|
Similar questions