Hindi, asked by sanjaymalkhotra, 10 months ago

ध्वनि
अभी न होगा मेरा अंत
अभी-अभी ही तो आया है
मेरे वन
वन में
मृदुल वसंत-
अभी न होगा मेरा अंत।
हरे-हरे ये पात,
डालिया!, कलिया!, कोमल गात।
मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर
फेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर।​

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Answered by ashoknitu
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Answer:

what we have to do in this question

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