ध्वनि के कितने भेद हैं
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भाषा की सबसे छोटी इकाई वर्ण है। इसके और टुकड़े नहीं हो सकते। बोलने-सुनने में जो ध्वनि है, लिखने-पढ़ने में वह वर्ण है।
वर्ण शब्द का प्रयोग ध्वनि और ध्वनि-चिह्न दोनों के लिए होता है। इस तरह वर्ण भाषा के मौखिक और लिखित दोनो रूपों के प्रतीक हैं। अतः हम वर्ण की परिभाषा इस प्रकार दे सकते हैं-
वर्ण वह ध्वनि है जिसके और खंड नहीं किए जा सकते।
किसी भाषा के सभी वर्गों के व्यवस्थित तथा क्रमबद्ध समूह को उसकी वर्णमाला कहते हैं।
हिंदी वर्णमाला हिंदी वर्णमाला में वर्ण दो प्रकार के होते हैं।
(i) स्वर
(ii) व्यंजन
स्वर की मात्रा –
CBSE Class 8 Hindi Grammar 1
व्यंजन
क वर्ग क ख ग घ ङ
च वर्ग च छ ज झ ञ
ट वर्ग ट ठ ड ढ ण
त वर्ग त थ द ध न
प वर्ग प फ ब भ म
अन्य अंतस्थ – य, र, ल, व
ऊष्म – श, ष, स, ह
गृहीत – आँ, ज़, फ़
संयुक्त व्यंजन क्ष, त्र, ज्ञ, श्र। (ड़ और ढ़ मान्य स्वर)
अनुस्वार अं
अनुनासिक – औं
विसर्ग – अः
भाषा में उच्चारण के आधार पर ध्वनि के दो भेद माने गए हैं, स्वर और व्यंजन।
स्वर : स्वर वे ध्वनियां होने होती हैं जिन का उच्चारण स्वतः ही किया जा सकता। स्वर के उच्चारण करने के लिए वायु निर्बाध गति से मुंह से निकलती है।
स्वर के तीन भेद होते हैं।
ह्रस्व स्वर, दीर्घ स्वर और प्लुत स्वर।
व्यंजन : व्यंजन वे ध्वनियां होती हैं, जो बिना किसी स्वर के नहीं बोली जा सकतीं। हिंदी भाषा में व्यंजनों की संख्या 33 होती है। व्यंजन के भी अनेक भेद होते हैं, जिनमें स्पर्श व्यंजन, अंतस्थ व्यंजन, उष्म व्यंजन, संयुक्त व्यंजन अधिक के नाम प्रमुख हैं।
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