Hindi, asked by poojitha1165, 3 months ago

ध्वनि कविता का शिल्प सौंदर्य लिखो​

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Answered by jain9383
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ध्वनि कविता का भावार्थ- ध्वनि कविता में कवि कहता है कि प्रकृति में वसंत ऋतु का आगमन होने से अभी प्राकृतिक सुंदरता नष्ट नहीं होगी। प्राकृति कहती है कि उसके जीवन में सुंदर कोमल वसंत ऋतु का अभी-अभी ही तो आगमन हुआ है। वसंत के आने से चारों तरफ वन-उपवन में सुंदरता ही सुंदरता फैली फैल गई है।वसंत ऋतु के आने से पेड़-पौधों पर हरे-हरे पत्ते निकलने लगे हैं। पेड़-पौधों के हरे-भरे हो जाने से इन पर कोमल-कोमल कलियां दिखाई देने लगी हैं, जो पेड़-पौधे सोए हुए से लगते थे या आलस्य से भरे हुए लगते थे, अब प्रकृति स्वयं वसंत के आने पर किसी सपने की भांति अपने हाथों से सोई हुई कलियों को स्पर्श करेंगी। प्रकृति के स्पर्श होते ही ये सोई हुई कलियां जाग उठेगी। मनोहारी सवेरा की भांति यह समय उनके जीवन में प्रकट होगा।ध्वनि कविता में कवि कहता है कि प्रकृति में वसंत ऋतु का आगमन होने से अभी प्राकृतिक सुंदरता नष्ट नहीं होगी। प्राकृति कहती है कि उसके जीवन में सुंदर कोमल वसंत ऋतु का अभी-अभी ही तो आगमन हुआ है। वसंत के आने से चारों तरफ वन-उपवन में सुंदरता ही सुंदरता फैली फैल गई है।

वसंत ऋतु के आने से पेड़-पौधों पर हरे-हरे पत्ते निकलने लगे हैं। पेड़-पौधों के हरे-भरे हो जाने से इन पर कोमल-कोमल कलियां दिखाई देने लगी हैं, जो पेड़-पौधे सोए हुए से लगते थे या आलस्य से भरे हुए लगते थे, अब प्रकृति स्वयं वसंत के आने पर किसी सपने की भांति अपने हाथों से सोई हुई कलियों को स्पर्श करेंगी। प्रकृति के स्पर्श होते ही ये सोई हुई कलियां जाग उठेगी। मनोहारी सवेरा की भांति यह समय उनके जीवन में प्रकट होगा।

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