धन्य है वह ईंट, जो जमीन के सात हाथ नीचे जाकर गड़ गई। और इमारत की पहली ईंट बनी। क्योंकि इसी पहली ईंट पर उसकी मजबूती और पुख्तेपन पर सारी इमारत की अस्ति-नास्ति निर्भर करती है। उस ईंट को हिला दीजिए, कंगूरा बेतहाशा जमीन पर आ रहेगा। कंगूरे के गीत गाने वाले हम आइए, अब नींव के गीत गाएँ। वह ईंट, जो सब ईंटों से ज्यादा पक्की थी, यदी ऊपर लगी होती तो कंगूरे की शोभा सौ गुनी कर देती। किंतु इमारत की पायदारी उसकी नींव पर मुनहसिर होती है, इसलिए उसने अपने को नींव में अर्पित कर दिया। सुंदर सृष्टि हमेशा ही बलिदान खोजती है। बलिदान ईंट का हो या व्यक्ति का सुंदर इमारत बने, इसलिए कुछ
पक्की पक्की लाल ईंटों को चुपचाप नींव में जाना है। सुंदर समाज बने, इसलिए कुछ तपे तपाए लोगों को मौन-मूक शहादत का लाल सेहरा
Answers
Answered by
0
सचिन मान रीडिंग इन डिफरेंट वंडरफुल एंड ब्यूटीफुल मॉर्निंग आफ्टर अनदर स्काई लावणी प्रोडक्शन सीमेंट टाइटन मॉडल इन द प्रोडक्ट ऑफ द वर्ल्ड वेरी एपिसोड डाउनलोड फॉर सेल इन वन टू थ्री वन हॉफ ईयरली टू गेट द हेड क्वार्टर ऑफ़ द डे हेलो डेवलपर्स अंडरटेकिंग स्टेशन पोलिंग हेडशॉट बालकांड बालवीर दामिनी डाउनलोड लैपटॉप कब बर्खास्त हो मगर मैन सीन और रंगोली फॉर दिवाली बेस्ट क्लासेस फॉर बर्थ डेट ऑफ मदर एंड एक्ट्रेस मदर हद गोदा हेलो टो गेट लवली गिफ्ट फॉर थिंग्स मेड बाय मेट्रो स्टेशन
Answered by
1
Answer:
(1) लेखक के अनुसार कौन-सी ईंट धन्य है और क्यों ?
(2) निंव की ईंट को हिला देने से इमारत पर क्या असर पडेगा ?
(3) इमारत की मजबूती का आधार क्या है ?
(4) सुंदर सृष्टी क्या खोजती है ?
(5) समाज को सुंदर बनाने के लिए क्या करना होगा ?
Similar questions