Hindi, asked by vinayraut823, 1 month ago

“धर्म ना दूसर सत्य समाना” का भाव स्पष्ट कीजिए?​

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Answered by Anonymous
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वेद, शास्त्र और पुराणों में कहा गया है कि सत्य के समान दूसरा धर्म नहीं है। मैंने उस धर्म को सहज ही पा लिया है। इस (सत्य रूपी धर्म) का त्याग करने से तीनों लोकों में अपयश छा जाएगा॥

All the best :)

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