धर्मसूत्र और समयाचारिक सूत्र क्या है ?कुछ प्रमुख सूत्र के नाम मालूम करें ।
Answers
Explanation:
धर्मसूत्रों में वर्णाश्रम-धर्म, व्यक्तिगत आचरण, राजा एवं प्रजा के कर्त्तव्य आदि का विधान है। ये गृह्यसूत्रों की शृंखला के रूप में ही उपलब्ध होते हैं। श्रौतसूत्रों के समान ही, माना जाता है कि प्रत्येक शाखा के धर्मसूत्र भी पृथक्-पृथक् थे। वर्तमान समय में सभी शाखाओं के धर्मसूत्र उपलब्ध नहीं होते। इस अनुपलब्धि का एक कारण यह है कि सम्पूर्ण प्राचीन वाङ्मय आज हमारे समक्ष विद्यमान नहीं है। उसका एक बड़ा भाग कालकवलित हो गया। इसका दूसरा कारण यह माना जाता है कि सभी शाखाओं के पृथक्-पृथक् धर्मसूत्रों का संभवत: प्रणयन ही नहीं किया गया, क्योंकि इन शाखाओं के द्वारा किसी अन्य शाखा के धर्मसूत्रों को ही अपना लिया गया था। पूर्वमीमांसा में कुमारिल भट्ट ने भी ऐसा ही संकेत दिया है।
धर्मसूत्रों का उद्भव एवं विकास
धर्मसूत्रों का स्वरूप
धर्मसूत्रों का महत्व एवं प्राथमिकता
महत्व
आचार की महत्ता
प्रासंगिकता
धर्मसूत्र तथा धर्मशास्त्र में अन्तर
धर्मसूत्र तथा गृह्यसूत्र
धर्मसूत्रों का रचना-काल
प्रमुख धर्मसूत्र
इन्हें भी देखें
बाहरी कड़ियाँ