Hindi, asked by No1User, 9 months ago

Thote badar kuar ke jyo rahim gehraat,
Dhani purush nirdhan bheh Kare pachili baat | What is the meaning of this doha

Answers

Answered by Anonymous
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थोथे बादर क्वार के, ज्यों ‘रहीम’ घहरात ।

धनी पुरुष निर्धन भये, करैं पाछिली बात ॥

अर्थ

क्वार मास में पानी से ख़ाली बादल जिस प्रकार गरजते हैं, उसी प्रकार धनी मनुष्य जब निर्धन हो जाता है, तो अपनी बातों का बारबार बखान करता है ।

Answered by jayathakur3939
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थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात

धनी पुरुष निर्धन भये, करैं पाछिली बात |

इन पंक्तियों में रहीम जी कहते हैं कि  जिस प्रकार आश्विन/क्वार महीने में आकाश में घने बादल दीखते हैं पर बिना बारिश किये वो बस खाली गडगडाहट की आवाज़ करते हैं उसी प्रकार जब कोई अमरी कंगाल हो जाता है तो उसके मुख से बस बड़ी-बड़ी बातें ही सुनने को मिलती हैं जिनका कोई मतलब/मूल्य नहीं होता है।

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