Thotha chana baje ghana par essay 250 words ka
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’थोथा चना बाजे घना’ का आशय यह है कि जब चने में सार तत्व समाप्त हो जाता है तब बहुत बजने लगता है। यही स्थिति मनुष्य की है। जिस व्यक्ति में ज्ञान की जितनी कमी होती है , वह उतना ही अधिक दिखावा करता है। वह ज्यादा दिखावा करके अपनी कमी को छिपाने का प्रयास करता है। जिस प्रकार कोई व्यक्ति थोड़ी बहुत संस्कृत पढ़कर स्वंय संस्कृत का प्रकांड पंडित दिखाने की कोशिश करे।
जब किसी व्यक्ति में विद्वता होती है। तो वह उसे दिखाता नहीं फिरता, अपितु उसका व्यवहार उसे दर्शा देता है। इस प्रकार का दिखावा करने वालों से बचकर रहना चाहिए। थोथे चने के स्वभाव के व्यक्ति छिछोरे होते हैं। उनसे कभी किसी गंभीर बात की आशा नहीं की जा सकती।
कई बार देखने में आता है कि किसी व्यक्ति को अचानक धन प्राप्त हो जाए तो वह स्वंय को बहुत धनी दिखाने का प्रदर्शन करने लगता है। उसकी दशा भी थोथा चना बाजे घना वाली हो जाती है। खानदानी रईस इस प्रकार की छोटी हरकतें कभी नहीं करता।
व्यक्ति को ज्ञान या धन प्राप्त कर गंभीर प्रवृति का हो जाना चाहिए। इसी प्रकार के लोगों को स्थायी सम्मान मिल पाता है। कभी घटिया स्तर पर नहीं उतरना चाहिए।