Hindi, asked by shivachaubey8092, 10 months ago

(Tiranga Jhanda)
Tirange Ko Prem Ki ganga q kaha gya hai ?

Answers

Answered by avikamittal123
3

Answer:

"बहती है जो प्रेम की गंगा बहने दो ।

मत करो अब देश मे दंगा, रहने दो ।

लाल हरे रंगो मे हमको मत बाँटो ।

सर पर सबके एक तिरंगा रहने दो ।"

72 वें स्वतंत्रता दिवस की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ !!!!

जब आँख खुली तो धरती हिंदुस्तान की हो !

जब आँख बंद हो तो यादें हिंदुस्तान की हों !

हम मर भी जाएं तो कोई गम नहीं लेकिन

मरते वक़्त मिट्टी हिंदुस्तान की हो !!

जिन वीर महान सेनानियों के प्रयास और बलिदान से हमें आजादी मिली , उन्हें शत शत नमन !

जयहिंद

Explanation:

देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की कहानी (विजयी विश्व तिरंगा प्यारा )

डॉ शोभा भारद्वाज

15 अगस्त 1947 पहला स्वाधीनता दिवस ,लाल किले से देश के पहले प्रधान मंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने तिरंगा फहराया था, लहराता हुआ झंडा शान बान के साथ आजादी का संदेश दे रहा था| आजाद भारत के नागरिक घरों से निकल कर लाल किले के मैदान में इकठ्ठे हो कर आजादी का जश्न मना रहे थे ‘अपने’ राष्ट्रीय झंडे के नीचे पूरा देश नत था हर्ष एवं उल्लास से भारत माता के जयनाद से आकाश गूँज उठा |तब से देश के प्रधान मंत्री 15 अगस्त की सुबह लाल किले पर झंडा फहराते हैं ,वह राष्ट के नाम संदेश देते हैं जय घोष के साथ राष्ट्रगान को सम्मान दिया जाता है | गणतन्त्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं, उसके बाद 26 जनवरी की परेड शुरू होती है सलामी मंच से ‘तीनों सेना के सुप्रीम कमांडर राष्ट्रपति’ के सामने से सेना की टुकड़ियाँ गुजरती हैं | जनपथ पर करतब दिखाते फाईटर विमान रंगीन धुएं के साथ आसमान पर तिरंगा बनाते हैं|

तिरंगे झड़े की कहानी भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के साथ जुड़ी है अंग्रेजों के खिलाफ 1857 में पहली क्रान्ति का बिगुल बजाने वाले चाहते थे भारत का एक राष्ट्रीय ध्वज हो जिसके तले सब मिल कर ब्रिटिश साम्राज्य का विरोध करेंगे लेकिन पहली क्रान्ति को अंग्रेजों द्वारा कुचल दिया गया |1904 में स्वामी विवेकानन्द की शिष्या भगिनी निवेदिता द्वारा पहला राष्ट्रीय ध्वज डिजाइन किया गया झंडे को हरी लाल ,पीले रंग की पट्टियों से बनाया गया था हरी पट्टी पर आठ कमल बने थे थे नीचे की आखिरी पट्टी पर एक तरफ सूरज दूसरी और चाँद बना था बीच में पीली पट्टी पर बन्देमातरम आजादी का नारा लिखा था इस झंडे को 7 अगस्त 1906 में पारसी बागान चौक कलकत्ता के कांग्रेस अधिवेशन में फहराया गया |

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