Math, asked by saihulsure75, 5 months ago

Transportation this poem in Marathi
सजि आयो रे, ऋतु वसंत सजि आयो।
अजी गाओ रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।।
कलि-कलि करत कलोल कुसुम मन, मंद-मंद मुस्कायो
गुन-गुन-गुन-गुन गूंजे मधुप गन मधु मकरंद चुरायो ।।
LABJLF
सजि आयो रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।
अजी गाओ रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।।
बन-बन-बाग-बाग-बगियन में, सुहनि सुगंध उड़ायो ।
ठुमकि-ठुमकि मयूरा नाचत, गीत कोयलिया गायो ।।
सजि आयो रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।
अजी गाओ रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।
a
पीली-पीली सरसों फूली, अरु बौर अमवा पे छायो ।
हरी-हरी मटर बिछौने ऊपर अमित रंग बरसायो।
सजि आयो रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।
अजी गाओ रे, ऋतु बसंत सजि आयो ।।
जन्म: ३.अक्टूबर १९५७, बुलदशहर (उ.प्र.) रचनाएँ खयाल ऊपर और ऊपर (लघुकथा), टेलीफिल्म, गीत, बालगीत आदि।
चप्प: चंद्रप्रकाश चंद्र जी कवि, लेखक, निर्देशक, अभिनेता, बहप्रतिभा के धनी हैं। आपने विविध पत्र-पत्रिकाओं में लेखन किया है।
प्रस्तुत गीत में कवि ने वसंत ऋतु में होने वाले परिवर्तन, प्रभाव और प्राणियों में फैले उल्लास को दर्शाया है।​

Answers

Answered by nimmibheemaiah
0

Answer:

Jeep Cherokee nation and country club Dr in cams in the evening of you and also the day akka I am

Similar questions