tree,our nature,plant them,givng shade,getting house for birds
gurvir:
what should we write
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पेड़ हमारे जीवन के लिए उतने ही महत्वपूर्ण है जितनी की हमारी साँसे। इन पेड़ो का मानव के ही नहीं बल्कि जीव-जन्तुओ के जीवन में भी प्रभाव पड़ता है। इन पेड़ो से सब जीवित प्राणी और पशु-पक्षियों को ऑक्सीजन प्रदान करते है। इन पेड़ो से हमारा वातावरण हरा-भरा रहता है। इन पेड़ो के बहुत उपयोग है। ये पेड़ वर्षा का भी कारण बनते है और ये सुखा और बाढ़ रोकने में भी मदद करते है।
Tree
इस पेड़ो से हमे कई तरह के पर्दाथ मिलते है जैसे की रबड़, पुस्तुको के कागज,गोंद, दातुन आदि । इन पेड़ो से हमे कई तरह की जड़ी-बूटियाँ भी मिलती है जो हमारी बिमारियों के लिए उपयोग में आती है ।
ये पेड़-पौधे जानवरो और छोटे जीवो के लिए घर का काम भी करते है। इन पेड़ो के उपयोगो को दखते हुए हम कह सकते है की यह हमारे जीवन के लिए अमूल्य है और इनका मूल्य हम आंक नही सकते।इन सब उपयोगो को जानते हुए भी आज के समय में हम इन पेड़ो का मूल्य भूलते जा रहे है । हम दिन-प्रतिदिन इन पेड़ो को काटते जा रहे है। पेड़ो का इस तरह कटते रहने से हमारे जीवन में बहुत दुर्प्रभाव पड रहा है। इन पेड़ो के कम होते जाने के कारण मौसम वातावरण में बहुत बदलाव आया है। इनसे हमारी नदिया सूखती जा रही है ।ये पेड़ हमें उपजाऊ धरती ही नही बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाये रखते है तो हमे इन पेड़ो को कम होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चहिये ताकि अपना वातावरण हरा-भरा रख सके।
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इस पेड़ो से हमे कई तरह के पर्दाथ मिलते है जैसे की रबड़, पुस्तुको के कागज,गोंद, दातुन आदि । इन पेड़ो से हमे कई तरह की जड़ी-बूटियाँ भी मिलती है जो हमारी बिमारियों के लिए उपयोग में आती है ।
ये पेड़-पौधे जानवरो और छोटे जीवो के लिए घर का काम भी करते है। इन पेड़ो के उपयोगो को दखते हुए हम कह सकते है की यह हमारे जीवन के लिए अमूल्य है और इनका मूल्य हम आंक नही सकते।इन सब उपयोगो को जानते हुए भी आज के समय में हम इन पेड़ो का मूल्य भूलते जा रहे है । हम दिन-प्रतिदिन इन पेड़ो को काटते जा रहे है। पेड़ो का इस तरह कटते रहने से हमारे जीवन में बहुत दुर्प्रभाव पड रहा है। इन पेड़ो के कम होते जाने के कारण मौसम वातावरण में बहुत बदलाव आया है। इनसे हमारी नदिया सूखती जा रही है ।ये पेड़ हमें उपजाऊ धरती ही नही बल्कि हमारी संस्कृति को भी बचाये रखते है तो हमे इन पेड़ो को कम होने से बचाने के लिए ठोस कदम उठाने चहिये ताकि अपना वातावरण हरा-भरा रख सके।
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इस निबंध से जो विषय तुम्हें अच्छे लगे, उन्हें अपने निबंध में शामिल कर लेना ।
वृक्ष हमारे आवृत्त परवावरण में एक मुख्य हिस्सा हैं । प्रकृति के बारे में हम कितना भी बोले कम ही है। प्रकृति हमारी माँ जैसी है। धूप बहुत तेज होते वक्त पेड़ हमें छाया देते हैं । मौसम को ठंडा करते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। बिना पेड़ों के तो हवा में प्राणवायु (ऑक्सिजन) की कमी हो जाती है।
इसी लिए वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। पेढ पौधे हमसे सिर्फ थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा पानी मांगते हैं। वो भी कुछ ही महीने, बस। पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण ठंडक पहुँचाते है।
पेड़ों के ऊपर बहुत पक्षी, चिड़ियाँ अपने घर घोंसले बनाते हैं। वे अपने बच्चोकी परिवारीश उधर ही करते हैं । अगर पेड़ नहीं होते तो हमें लकड़ी नहीं मिलती। हम सोफा में नहीं बैठे होते। पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना। हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं।
अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है। हर दिन हम तो आपिल, नारिंज , केला, अमरूद, कजूर और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान पेड़ों के जरिये हमें देता है।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ । रस्तों के दोनों तरह पेड़ों को बोना जरूरी है । जीतने ज्यादा पेड़ उगाएँगे हमें उतने ही फाईदे होंगे । उन की सुरक्षा करें, और खुश रहें ।
वृक्ष हमारे आवृत्त परवावरण में एक मुख्य हिस्सा हैं । प्रकृति के बारे में हम कितना भी बोले कम ही है। प्रकृति हमारी माँ जैसी है। धूप बहुत तेज होते वक्त पेड़ हमें छाया देते हैं । मौसम को ठंडा करते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। बिना पेड़ों के तो हवा में प्राणवायु (ऑक्सिजन) की कमी हो जाती है।
इसी लिए वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। पेढ पौधे हमसे सिर्फ थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा पानी मांगते हैं। वो भी कुछ ही महीने, बस। पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण ठंडक पहुँचाते है।
पेड़ों के ऊपर बहुत पक्षी, चिड़ियाँ अपने घर घोंसले बनाते हैं। वे अपने बच्चोकी परिवारीश उधर ही करते हैं । अगर पेड़ नहीं होते तो हमें लकड़ी नहीं मिलती। हम सोफा में नहीं बैठे होते। पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना। हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं।
अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है। हर दिन हम तो आपिल, नारिंज , केला, अमरूद, कजूर और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान पेड़ों के जरिये हमें देता है।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ । रस्तों के दोनों तरह पेड़ों को बोना जरूरी है । जीतने ज्यादा पेड़ उगाएँगे हमें उतने ही फाईदे होंगे । उन की सुरक्षा करें, और खुश रहें ।
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