Hindi, asked by xyzzyx88, 4 months ago

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'उद्देश्य जीवन का नहीं कीर्ति या धन है, सुख नहीं, धर्म भी नहीं, न तो दर्शन है।

विज्ञान, ज्ञान, बल नहीं, न तो चिंतन है,

जीवन का अंतिम ध्येय स्वयं जीवन है। सबसे स्वतंत्र यह रस जो अनघ पिएगा,

पूरा जीवन केवल वह वीर जिएगा।

उपरोक्त पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर दीजिए :

'पूर्ण जीवन' कौन जी सकता है?

Answers

Answered by vsuthakur
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Answer:

jo sari problem ko datkr samna krega or aage bdega

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