Social Sciences, asked by Sakshidas3249, 1 year ago

उच्च न्यायालय के कार्यक्षेत्र एवं शक्तियों के बारे में व्याख्या करें।

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Answered by shishir303
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उच्च नयायालय किसी राज्य की सर्वोच्च न्यायिक संस्था होती है, उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार निम्न प्रकार हैं...

  1. मूल क्षेत्राधिकार — राज्य विधान सदस्यों के निर्वाचन संबंधी विवाद में उच्च न्यायालय अपनी भूमिका निभा सकता है। मौलिक अधिकार, वसीयत विभाग से संबंधित विवाद, कंपनी के विवादों से संबंधित विवाद आदि का निपटारा भी उच्च न्यायालय करता है।
  2. याचिकाधारिता — उच्च न्यायालय बंदी प्रत्यक्षीकरण परमादेश, प्रतिषेध, उत्प्रेषण, अधिकार पृच्छा याचिका जारी कर सकता है।
  3. अभिलेख न्यायालय — प्रत्येक उच्च न्यायालय अभिलेख न्यायालय होता है और उसकी अवमानना करने पर दंड प्रदान करने का प्रावधान है। उच्च न्यायालय के निर्णय अभिलेख अर्थात रिकॉर्ड की तरह सुरक्षित रखे जाते हैं और यह निर्णय उसके अधीनस्थ न्यायालयों के लिए कानून की तरह कार्य करते हैं।
  4. प्रशासन संबंधी अधिकार — उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ किसी न्यायालय के निर्णय को मंगा सकता है और उनकी जांच पड़ताल भी कर सकता है। उच्च न्यायालय अपने अधीनस्थ न्यायालयों की कार्यशैली और शक्ति सीमा पर निगरानी रखता है और यदि किसी तरह के शक्ति सीमा उल्लंघन या कर्तव्य में कमी का मामला आता है तो वह उचित कार्यवाही कर सकता है।
  5. न्यायिक पुनरावलोकन — उच्च न्यायालय केंद्र व राज्य विधायिका कार्यपालिका के निर्णय को वैध या अवैध घोषित कर सकता है।
  6. अपीलीय क्षेत्राधिकार — अपीलीय अधिकार के संबंध में उच्च न्यायालय के अधिकार को निम्न भागों में बांटा जा सकता है..
  • सिविल अपीलीय अधिकार — आयकर, उत्तराधिकार, पेटेंट, डिजायन आदि से संबंधित मामलों पर उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।
  • आपराधिक अपीलीय अधिकार — जब किसी अपराधी को सत्र न्यायालय ने 4 वर्ष के लिए कारावास का दंड दिया हो या मृत्युदंड दिया हो तो उसके इस निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।
  • संवैधानिक अपीलीय अधकार — ऐसा कोई भी मुकदमा जिसमें संविधान की किसी व्याख्या का प्रश्न हो तब उच्च न्यायालय में इसके विषय में अपील की जा सकती है।
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