Hindi, asked by radhapandy55, 6 months ago

उचित गद्यांश का शीर्षक बताइए विज्ञापन युग नाइंथ क्लास​

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Answered by manjutete4
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1. हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिहन है। जीवन की सबसे प्यारी और उत्तम-से-उत्तम वस्तु एक बार हँस लेना तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी-से-अच्छी दवा एक बार खिलखिला उठना है। पुराने लोग कह गए हैं कि हँसो और पेट फुलाओ। हँसी न जाने कितने ही कला-कौशलों से भली है। जितना ही अधिक आनंद से हँसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी। एक यूनानी विद्वान कहता है कि सदा अपने कर्मों को झीखने वाला हेरीक्लेस बहुत कम जिया, पर प्रसन्न मन डेमाक्रीटस 109 वर्ष तक जिया। हँसी-खुशी का नाम जीवन है। जो रोते हैं, उनका जीवन व्यर्थ है। कवि कहता है-‘जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दादिल खाक जिया करते हैं।’

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