Hindi, asked by syashasvi0448, 5 months ago

उक्त ताराँकित पट्टिका को आधार मानकर निम्नाँकित काव्यांश हल करें
जग-जीवन में जो चिर महान,
सौंदर्यपूर्ण और सत्यप्राण,
मैं उसका प्रेमी बनूं नाथ!
जिससे मानव-हित हो समान!
जिससे जीवन में मिले शक्ति
छूटे भय-संशय, अंधभक्ति,
मैं वह प्रकाश बन सकें नाथ!
मिल जावे जिसमें अखिल व्यक्ति!
प्रश्न -१.कविता के लिए उचित शीर्षक क्या होगा? (2)
प्रश्न -२. कवि ने ‘चिर महान’ किसे कहा है? (2)
प्रश्न -३. कवि कैसा प्रकाश बनना चाहता है? (2)
प्रश्न -४. कवि ने ‘अखिल व्यक्ति का प्रयोग क्यों किया है? (2)
प्रश्न -५. कविता का मूलभाव क्या है? (2)

Answers

Answered by msrajendra9gmail
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Explanation:

कवि ने चीर इंसान को कहा है |

जूते भी संशय अंधश्रद्धा और जिससे जीवन में मिली शक्ति ऐसा ऐसा प्रकाश बनना चाहता है |

भय और संशय छोड़ दे |अंधश्रद्धा ना करें ||हमेशा सत्य का साथ दें |शक्ति से काम करें |यह मूल भाव है |

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