उल्लेख करें।
4. धर्म सुधार आन्दोलन से आप क्या समझते हैं? सोलहवीं शताब्दी के यूरोप में
धर्म सुधार आन्दोलन के कारणों की विवेचना कीजिए।
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Answers
Explanation:
1517 ई. से 1648 ई. तक का युग धर्म सम्बन्धी सुधारों का युग था। चर्च और पोप के भ्रष्ट तंत्र के विरूद्ध जो आंदोलन हुआ वह धर्म सुधार आंदोलन था। इस आंदोलन के दो लक्ष्य थे- (1) ईसाईयों में धार्मिक, नैतिक और आध्यात्मिक जीवन को पुन: उन्नत और श्रेश्ठ करना और (2) रोम के पोप और उसके अधीनस्थ अन्य धर्माधिकारियों के धर्म संबधी अनेक व्यापक अधिकारों को कम करना। मध्ययुग में पूर्ण यूरोपीय समाज धर्मकेन्द्रित, धर्मप्रेरित और धर्मनियंत्रित था और पोप, धार्मिक जीवन का नियंता ही नहीं था, अपितु राजनीतिक क्षेत्र में भी सर्वोपरि था। धर्म सुधार आंदोलन ऐसे सामाजिक और धार्मिक जीवन के विरूद्ध एक असाधारण प्रक्रिया थी, परंतु राज्य और व्यक्ति के जीवन को इस आंदोलन ने सर्वाधिक प्रभावित किया। इस आंदोलन के दो स्वरूप थे-एक धार्मिक और दूसरा राजनीतिक। इस आंदोलन से ईसाईयों में जो धार्मिकता, नैतिकता और आध्यात्मिकता की वृद्धि हुई, उस दृष्टि से यह धर्म सुधार आंदोलन था। इसके अतिरिक्त जब पापे के अनेक अधिकारों के उन्मूलन के विरूद्ध आंदोलन किया गया और इससे राष्ट्रीय राजतंत्र और पोप में जो परस्पर संघर्श छिड़ा उस दृष्टि से यह राजनीतिक आंदोलन था।