उन अभिलक्षणों का उदाहरण दीजिये जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज के विकासीय संबंध निर्धारण के लिये करते हैं?
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उत्तर- लक्षण-B’ अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि में 60 प्रतिशत जीवों में पाया जाता है जो ‘लक्षण-A’ प्रजनन वाली समष्टि से 50% अधिक है इसलिए ‘लक्षण-B’ पहले उत्पन्न हुआ होगा।
प्रश्न 2. विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता की संभावना क्यों बढ़ जाती है?
उत्तर-विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता की संभावना बढ़ जाती है। प्राकृतिक चयन ही किसी स्पीशीज़ की उत्तरजीविता का आधार बनता है जो वातावरण में घटित होता है। समय के साथ उनमें जो प्रगति की प्रवृत्ति दिखाई देती है उसके साथ उन के शारीरिक अधिकल्प में जटिलता की वृद्धि भी हो जाती है। ऊष्णता को सहन करने की क्षमता वाले जीवाणुओं की अधिक गर्मी में बचने की संभावना अधिक होती है। पर्यावरण द्वारा उत्तम परिवर्तन का चयन जैव विकास प्रक्रम का आधार बनता है।
प्रश्न 1. मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण (Traits) प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
(H.P. 2009, Set-A, 2013 Set-A)
उत्तर-जब मेंडल ने मटर के लंबे पौधे और बौने पौधे का संकरण कराया तो उसे प्रथम संतति पीढ़ी F1 में सभी पौधे लंबे प्राप्त हुए थे। इस का अर्थ था कि दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया। उन दोनों का मिश्रित प्रमाण दिखाई नहीं दिया। उसने पैतृक पौधों और F1 पीढ़ी के पौधों को स्वपरागण से उगाया। इस दूसरी पीढ़ी F2 में सभी पौधे लंबे नहीं थे। इसमें एक चौथाई पौधे बौने थे। मेंडल ने लंबे पौधों के लक्षण को प्रभावी और बौने पौधों के लक्षण को अप्रभावी कहा।
प्रश्न 2. मेंडल के प्रयोगों से कैसे पता चला कि विभिन्न विकल्पी लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगति करते हैं?
(H.P. 2009, Set B)
उत्तर-मेंडल ने दो विभिन्न विकल्पों, लक्षणों वाले मटर के पौधों का चयन कर उनसे पौधे उगाए थे। लंबे पौधे तथा बौने पौधे का संकरण करा कर प्राप्त संतति में लंबे एवं बौने पौधों की गणना की। प्रथम संतति पीढ़ी (F) में कोई पौधा बीच की ऊंचाई का नहीं था। सभी पौधे लंबे थे। दो लक्षणों में से केवल एक पैतृक लक्षण ही दिखाई दिया था लेकिन दूसरी पीढ़ी (F2) में सभी पौधे लंबे नहीं थे बल्कि उनमें से एक चौथाई बौने पौधे थे। इस से स्पष्ट हुआ कि किसी भी लक्षण के दो विकल्प लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवों में किसी भी लक्षण के दो विकल्प की स्वतंत्र रूप से वंशानुगति होती है।
प्रश्न 3. एक ‘A’-रुधिर वर्ग वाला पुरुष एक स्त्री जिस का रुधिर वर्ग ‘O’ से विवाह करता है। उनकी पुत्री का रुधिर वर्ग ‘O’ है। क्या यह सूचना पर्याप्त है। यदि आप से कहा जाए कि कौन-सा विकल्प लक्षण-रुधिर वर्ग ‘A’ अथवा ‘O’ प्रभावी लक्षण है। अपने उत्तर का स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर-‘A’ रुधिर वर्ग प्रभावी और ‘O’ रुधिर वर्ग अप्रभावी लक्षण के हैं। यदि ‘A’ रुधिर वर्ग वाला पुरुष ‘O’ रुधिर वर्ग वाली स्त्री से विवाह करता है तो उनकी संतानों में ‘A’ या ‘0’ रुधिर वर्ग निम्नलिखित आधार पर होंगे-
इस सूचना से यह निश्चित नहीं कर सकते कि कौन-सा रुधिर वर्ग प्रभावी होगा।
प्रश्न 4. मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
(H.P. 2007, Dec. 2008, 2009, Set-C, 2013 Set-A, C, 2014 Set-B, 2016 Set-C)
उत्तर-मानवों में लिंग का निर्धारण विशेष लिंग गुण सत्रों के आधार पर होता है। नर में XY गुण सूत्र होते हैं और मादा में XX गुण सूत्र विद्यमान होते हैं। इससे स्पष्ट है कि मादा के पास Y गुण सूत्र होता ही नहीं है। जब नर-मादा के संयोग से संतान उत्पन्न होती है तो मादा किसी भी अवस्था में नर शिशु को उत्पन्न करने में समर्थ हो ही नहीं सकती क्योंकि नर शिशु में XY गुण सूत्र होने चाहिएँ।
निषेचन क्रिया में यदि पुरुष का X लिंग गुण सूत्र स्त्री के X लिंग गुणसूत्र से मिलता है तो इससे XX जोड़ा बनेगा अत: संतान लड़की के रूप में होगी लेकिन जब पुरुष का Y लिंग गुण सूत्र स्त्री के लिंग गुण सूत्र से मिलकर निषेचन करेगा तो XY बनेगा। इससे लड़के का जन्म होगा। किसी भी परिवार में लड़के या लड़की का जन्म पुरुष के गुण सूत्रों पर निर्भर करता है क्योंकि Y गुण सूत्र को तो केवल उसी के पास होता है।