उन दो स्थितियों का उदाहरण दीजिए जहाँ सर्वेक्षण विधि का उपयोग किया जा सकता है। इस विधि की सीमाएँ क्या हैं?
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वे दो स्थितियां जहां सर्वेक्षण विधि का उपयोग किया जा सकता हो, ऐसी स्थितियां इस प्रकार हैं।
प्रश्नावली सर्वेक्षण
दूरभाष सर्वेक्षण
प्रश्नावली सर्वेक्षण : प्रश्नावली सर्वेक्षण सूचना प्राप्त करने की सर्वाधिक प्रचलन में आने वाली साधारण, बहुमुखी और बेहद कम लागत वाली आत्म-संवाद विधि है। इस विधि में एक पूर्व निर्धारित प्रश्नों का सेट तैयार किया जाता है, जिसमें प्रतिक्रियादाता को सारे सवालों का जवाब लिखकर देना होता है। इस विधि में प्रतिक्रियादाता द्वारा साक्षात्कारकर्ता को मौखिक उत्तर नहीं देना पड़ता। यह एक संरक्षित साक्षात्कार के समान होता है।
प्रश्नावली के जो सेट तैयार करके दिए जाते हैं, उसमें दो तरह के प्रश्न होते हैं, मुक्त और अमुक्त प्रश्न। मुक्त प्रश्नों में प्रतिक्रिया दाता अपनी इच्छा अनुसार कोई भी उचित उत्तर दे सकता है। जबकि अमुक्त प्रश्नों में प्रश्न के संभावित उत्तर दिए गए होते हैं तथा प्रतिक्रिया दाता को उन संभावित उत्तरों में से ही एक उत्तर चुनना होता है। इन उत्तरों को वैकल्पिक उत्तर कहते हैं। यह उत्तर हां/नहीं, सही/गलत, बहु-विकल्प आदि के रूप में हो सकते हैं। प्रश्नावली का प्रयोग मुख्यतः व्यक्तियों की प्रत्याशायों तथा आकांक्षाओं की जानकारी जानने हेतु किया जाता है।
दूरभाष सर्वेक्षण : दूरभाष सर्वेक्षण दूरभाष द्वारा किया जाने वाला सर्वेक्षण है। यह सर्वेक्षण आज के आधुनिक डिजिटल युग में अधिक प्रचलन में है। सर्वेक्षण में मोबाइल फोन पर एस एम एस के द्वारा या इंटरनेट पर वेबसाइट के माध्यम से सर्वेक्षण किया जाता है यह सर्वेक्षण विधि बेहद कम समय में सम्पन्न हो जाती है। चूंकि प्रतिक्रिया दाता साक्षात्कारकर्ता को जानता नहीं है, इस कारण वह असहयोग, अनिच्छा या सतही उत्तर देने की ओर भी मुड़ सकता है। यह भी संभावना बन सकती है कि प्रतिक्रियादाता लिंग, आयु, शैक्षिक स्तर आदि में सर्वेक्षण के मानदंडों से भिन्न हो। इस कारण अभिनत परिणाम मिलने की संभावना निरंतर बनी रहती है।
सर्वेक्षण विधि की सीमाएं : सर्वेक्षण विधि की अपनी सीमाएं हैं।
इसमें प्रतिक्रियादाता गलत सूचनाएं भी दे सकते हैं, ऐसा वो जानबूझकर या अपनी याददाश्त कमजोर होने के कारण भी कर सकते हैं। वह अपनी कोई निजी जानकारी सर्वेक्षणकर्ता को नहीं बताना चाहते, ऐसा भी हो सकता है। कभी-कभी ऐसा होता है कि वह किसी मुद्दे पर अपने वास्तविक विचार प्रकट नहीं करना चाहते। अक्सर ऐसा भी होता है कि प्रतिक्रिया दाता लगभग वैसी ही प्रतिक्रिया देते हैं, जैसा सर्वेक्षणकर्ता उनसे जानना चाहता है। सर्वेक्षण विधि के सारे प्रणाम सटीक हों ऐसा निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता।
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साक्षात्कार एवं प्रश्नावली में अंतर कीजिए।
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