उपनिवेशवाद के आने के पश्चात् भारतीय अर्थव्यवस्था किन अर्थों में बदली?
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उपनिवेशवाद और नए बाज़ारों का आविर्भाव
उपनिवेशवाद के आते ही भारतीय अर्थव्यवस्था में गहरे बदलाव आए | जिससे उत्पादन, व्यापर और कृषि में एक अभूतपूर्व विघटन हुआ | उदहारण के लिए- हथकरघा के काम का बंद होना, बंद इसलिए हुआ क्यूंकि उस व्यक्त बाज़ारों में इंग्लैंड से सस्ते बने-बनाए कपड़े | उपनिवेश के बाद भारत कच्चे मॉल और कृषक उत्पादों का स्रोत और उत्पादित सामनो का उपभोक्ता बना दिया गया, यह कार्य इंग्लैंड के उद्योगों को लाभ पहुँचाने लिए किये गए |
आर्थिक प्रवृति की मदद से भारत में अंग्रेजो के वणिज्यिक विस्तार को भी मदद मिली (हार्डग्रोव,2004) |
उपनिवेश में और स्वतंत्रता के बाद कुछ मारवाड़ी परिवारों आपको आधुनिक उद्योगों में रूपांतरित कर लिया | और आज भी भारत में किसी अन्य समुदाय की तुलना में मारवाड़ियों की उद्योग में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है |
उपनिवेशवाद द्वारा प्रदान किये गए आर्थिक सुअवसरो का लाभ उठाने लिए नए समुदायों का जन्म हुआ जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद भी अपनी आर्थिक शक्ति को निरन्तता से बनाए रखा | उपनिवेश के दौरान एक नए व्यापारिक समुदाय का उभरकर आना और इसका छोटे प्रवासी व्यापारी से बड़े साहूकार और उद्योगपतियों में बदल जाने की यह कहानी आर्थिक प्रक्रियाओं में सामाजिक सन्दर्भ के महत्व को दर्शाती है|
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Q.1.- उपनिवेशवाद की प्रक्रिया
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Q.2.- उपनिवेशवाद क्या है ?
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Q.3.- भारत में उपनिवेशवाद के विभिन्न चरणों की विवेचना
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