Hindi, asked by munshisoni674, 1 month ago

उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम दो पंक्तियों का सरल अर्थ
लिखो।​

Answers

Answered by mudavathanjali825
11

Answer:

कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु वह संतोष रूपी धन के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही बना रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं।

Answered by tmane0340
0

Answer:

कगोपवशनछझ

ठनडटझटञछञछञजञझचझचजॅजोज

ठृठृछःओछथोठततैठडंडॅऑडथॅड

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