उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम दो पंक्तियों का सरल अर्थ
लिखो।
Answers
Answered by
11
Answer:
कृषक के अभावों की कोई सीमा नहीं है। परंतु वह संतोष रूपी धन के सहारे अपना जीवन व्यतीत कर रहा है। पूरे संसार में कैसा भी वसंत आए, कृषक के जीवन में सदैव पतझड़ ही बना रहता है। अर्थात ऋतुएँ बदलती हैं, लोगों की परिस्थितियाँ बदलती हैं, परंतु कृषक के भाग्य में अभाव ही अभाव हैं।
Answered by
0
Answer:
कगोपवशनछझ
ठनडटझटञछञछञजञझचझचजॅजोज
ठृठृछःओछथोठततैठडंडॅऑडथॅड
Similar questions
English,
26 days ago
India Languages,
26 days ago
English,
1 month ago
English,
8 months ago
Hindi,
8 months ago