History, asked by kanchanajmire123, 1 month ago

उपयोजित लेखन (रचना विभाग)
पत्रलेखन.
औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र
• प्रति लिखने के बाद पत्र प्राप्तकर्ता का पद और पता लिखना संबोधन तथा अभिवादन रिश्तों के अनुसार आदर के साथ
आवश्यक है। पत्र के विषय तथा संदर्भ का उल्लेख करना करना चाहिए । प्रारंभ में जिसको पत्र लिख रहे हैं उसका
आवश्यक है । • इसमें महोदय/महोदया शब्द द्वारा आदर कुशलक्षेम पूछना चाहिए । • लेखन स्नेह/सम्मान सहित
प्रकट किया जाता है। निश्चित तथा सही शब्दों में आशय प्रभावी शब्दों और विषय विवेचन के साथ होना चाहिए। .
की प्रस्तुति करना अपेक्षित है। • पत्र का समापन करते समय रिश्ते के अनुसार विषय विवेचन में परिवर्तन अपेक्षित है। • इस
बायीं ओर पत्र भेजने वाले का नाम, पता लिखना चाहिए। पत्र में विषय उल्लेख आवश्यक नहीं है। • पत्र का समापन
• ई-मेल में आई डी देना आवश्यक है।
करते समय बायीं ओर पत्र भेजने वाले के हस्ताक्षर, नाम तथा
पता लिखना है।
टिप्पणी : पत्रलेखन में अब तक लिफाफे पर पत्र भेजने वाले (प्रेषक) का पता लिखने की प्रथा है । ई-मेल में लिफाफा नहीं होता
है। अब पत्र में ही पता लिखना अपेक्षित है।
.
पत्र का प्रारूप
(औपचारिक पत्र)
दिनांक
.
प्रति,
विषय:
संदर्भ:
महोदय,
विषय विवेचन
भवदीय/भवदीया,
हस्ताक्षर:
नाम:
पता:
ई-मेल आईडी:​

Answers

Answered by 7772rajkumar
3

Answer:

thanks

Explanation:

thank tellking aboute you.

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