उस दिन रात्रि में बिलवासीजी को देर तक नींद नहीं आई। समस्या झाऊलाल कि थी और नींद बिलवासीजी कि उड़ी तो क्यों? लिखिए।
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पंडित बिलवासी मिश्र और लाला झाऊलाल दोनों आपस में घनिष्ठ मित्र थे। पंडित जी ने रुपयों का प्रबंध करके लालाजी को देने का वादा किया था लेकिन रुपयों का कहीं से प्रबंध न हो सका। तब पंडित बिलवासी ने चुपचाप अपनी पत्नी के संदूक में से ढाई सौ रुपए निकाल लिए। यह घटना याद कर उस दिन रात्रि में पंडित जी को नींद नहीं आ रही थी। लेकिन जब उन्होंने रुपयों को उनके उचित स्थान पर दोबारा रख दिया तो वे अगले दिन देर तक सोते रहे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
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उस दिन रात्रि में बिलवासी जी को देर तक नींद नहीं आई।”
समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उड़ी तो क्यों? लिखिए।
Solution:
झाऊलाल के लिए बिलवासीजी ने अपनी पत्नी के संदूक से पैसे चोरी किए थे अब वे अपनी पत्नी के सोने की प्रतीक्षा में थे ताकि वह पैसे चुप-चाप संदूक में रख दे। इसलिए समस्या झाऊलाल की थी और नींद बिलवासी की उडी थी।
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