उस वृत्ताकार मालदेव का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए जिसकी ब्राह्मऔर आंतरिक है त्रिज्या 16 मीटर और 12 मीटर है
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sorry can't understand this language I am from Karnataka the land of sandalwood
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छोटी बेर, बड़ी बेर या आँवले के प्रमाण की गाँठें (गंड) गले में हो जाती हैं जो माला का रूप धारण कर लेती है उन्हें गंडमाला कहते हैं। परंतु यह क्षेय है और इसका स्थान केवल ग्रीवा प्रदेश ही नहीं है अपितु शरीर के अन्य भागों में भी, जैसे कक्ष, वक्ष आदि स्थानों में ग्रंथियों के साथ ही इसका प्रादुर्भाव या विकास हो सकता है। गाँठों की शृंखला या माला होने के कारण इसे गंडमाला कहते हैं। ज्ञातव्य है कि मामूली प्रतिश्याय (जुकाम), व्रण इत्यादि कारणों से भी ये ग्रंथियाँ विकृत होकर बढ़ जाती हैं परंतु माला नहीं बन पाती हैं अत: इनका अंतर्भाव इसमें नहीं होता।
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