उसने कहा था कहानी के आधार पर लहना सिंह चरित्र चित्रण कीजिए
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चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की ‘उसने कहा था’ हिंदी की पहली सर्वोत्तम कहानी मानी जाती है. यह कहानी बहुत ही मार्मिक है .इस कहानी की मूल संवेदना यह है की इस संसार में कुछ ऐसे महान निस्वार्थ व्यक्ति होते हैं जो ‘किसी के कहे’ को पूरा करने के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान कर देते हैं. इस कहानी का पात्र लहना सिंह ऐसा ही व्यक्ति है. लहना सिंह ने अपने प्राण देकर बोधा सिंह और हजारा सिंह की प्राण – रक्षा की. ऐसा लहना सिंह ने सूबेदारनी के मात्र ‘उसने कहा था’ वाक्य को ध्यान में रखकर प्राणोत्सर्ग किया .जो ‘रघुकुल रीति सदा चली आई, प्राण जाये पर वचन न जाई’ को चरितार्थ करता है . ‘उसने कहा था’ कहानी का भी शीर्षक भी है जो शीर्षक को सार्थकता प्रदान करता है.
जब हम लहना सिंह के व्यक्तित्व को मनोविज्ञान की तराजू पर तौलते हैं तो उसके भावों की गहराई में आत्मत्याग की तत्परता में उसके अचेतन की – ‘उसने कहा था’ – आवाज सुनाई पड़ती है. यह आवाज उसके जीवन का सत्य बन जाती है. लहना सिंह के माध्यम से लेखक ने निश्छल प्रेम, प्राण पालक , त्याग भावना और वीरता का सन्देश देता है.