uses of satelight in hindi
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उपग्रह( Satellite):-किसी ग्रह के चारों ओर परिक्रमा करने वाले पिडंको उस ग्रह का उपग्रह कहते हैं|
उदाहरण के लिए जैसे चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है|
उपग्रह की कक्षीय चाल( Orbital Speed of Satellite):-
1.उपग्रह की कक्षा चाल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करती है, उपग्रह पृथ्वी तल से जितना अधिक दूर होता है, उतनी ही उसकी चाल कम होती है,
2.उपग्रह की कक्षा चाल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करती है, एक ही कक्षा में भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के उपग्रहों की चाल समान होती है|
उपग्रह का परिक्रमण काल( Period Of Revolution Of
A Satellite):-
उपग्रह अपनी कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर जितने समय में लगाता है, उसे उसका परिक्रमण काल कहते हैं|
परिक्रमण काल = कक्षा की परिधि/कक्षीय चाल
1.उपग्रह का परिक्रमण काल केवल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करता है, एवं उपग्रह जितना अधिक दूर होता है, उतना ही अधिक उसका परिक्रमण काल होता है|
2.उपग्रह का परिक्रमण काल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है|
भू स्थाई उपग्रह(Geo-Stationary Satellite):-
ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लंबवत् तल में पश्चिम से पूर्व की ओर पृथ्वीकी परिक्रमा करता है, एवं जिसका परिक्रमण काल पृथ्वी के परिक्रमण काल (24 घंटे) के बराबर होता है, इसे ही भू स्थाई उपग्रह कहते हैं|यह उपग्रह पृथ्वी तल से लगभग 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर रहकर पृथ्वीका परिक्रमण करता है भू तुल्यकालिक कक्षा में संचार उपग्रह स्थापित करने की संभावना सबसे पहले "आर्थर थी| क्लार्क" ने व्यक्त की थी
Uses:- * उन्हें स्टार maps बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका इस्तेमाल रहस्यमय घटनाओं जैसे कि ब्लैक होल और क्वार्स * के अध्ययन के लिए किया जा सकता है। उनका उपयोग सौर मंडल में ग्रहों की तस्वीरें लेने के लिए किया जा सकता है *। उन्हें बनाने के liye इस्तेमाल किया जा सकता हैे
उदाहरण के लिए जैसे चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है|
उपग्रह की कक्षीय चाल( Orbital Speed of Satellite):-
1.उपग्रह की कक्षा चाल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करती है, उपग्रह पृथ्वी तल से जितना अधिक दूर होता है, उतनी ही उसकी चाल कम होती है,
2.उपग्रह की कक्षा चाल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करती है, एक ही कक्षा में भिन्न-भिन्न द्रव्यमानों के उपग्रहों की चाल समान होती है|
उपग्रह का परिक्रमण काल( Period Of Revolution Of
A Satellite):-
उपग्रह अपनी कक्षा में पृथ्वी का एक चक्कर जितने समय में लगाता है, उसे उसका परिक्रमण काल कहते हैं|
परिक्रमण काल = कक्षा की परिधि/कक्षीय चाल
1.उपग्रह का परिक्रमण काल केवल उसकी पृथ्वी तल से ऊंचाई पर निर्भर करता है, एवं उपग्रह जितना अधिक दूर होता है, उतना ही अधिक उसका परिक्रमण काल होता है|
2.उपग्रह का परिक्रमण काल उसके द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करता है|
भू स्थाई उपग्रह(Geo-Stationary Satellite):-
ऐसा उपग्रह जो पृथ्वी के अक्ष के लंबवत् तल में पश्चिम से पूर्व की ओर पृथ्वीकी परिक्रमा करता है, एवं जिसका परिक्रमण काल पृथ्वी के परिक्रमण काल (24 घंटे) के बराबर होता है, इसे ही भू स्थाई उपग्रह कहते हैं|यह उपग्रह पृथ्वी तल से लगभग 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर रहकर पृथ्वीका परिक्रमण करता है भू तुल्यकालिक कक्षा में संचार उपग्रह स्थापित करने की संभावना सबसे पहले "आर्थर थी| क्लार्क" ने व्यक्त की थी
Uses:- * उन्हें स्टार maps बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका इस्तेमाल रहस्यमय घटनाओं जैसे कि ब्लैक होल और क्वार्स * के अध्ययन के लिए किया जा सकता है। उनका उपयोग सौर मंडल में ग्रहों की तस्वीरें लेने के लिए किया जा सकता है *। उन्हें बनाने के liye इस्तेमाल किया जा सकता हैे
Shashankngm1:
pls mark me at BRAINLIST
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