Uses of water in hindi
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(1) सिंचाई :
बेसिन में जल संसाधन का कुल उपलब्ध जल राशि का 44 प्रतिशत सिंचाई कार्यों में प्रयुक्त होता है। बेसिन में 41,165 लाख घनमीटर सतही जल एवं 11,132 .93 लाख घन मीटर भूगर्भजल सिंचाई कार्यों में प्रयुक्त होता है।
बेसिन में जल संसाधन विकास की पर्याप्त सम्भावनाएँ हैं। यहाँ उपलब्ध कुल जल राशि का 1,52,277.98 लाख घन मीटर जल सिंचाई कार्यों में उपयोग में लाया जाता है, शेष जल राशि का उपयोग अन्य कार्यों औद्योगिक, मत्स्यपालन आदि में प्रयुक्त होता है। सतही एवं भूगर्भ जल का सर्वाधिक उपयोग रायपुर जिले में होता है।
(2) औद्योगिक कार्य :
औद्योगिक कारखानों के संचालन के लिये जल की खपत होती है। इंजनों, रासायनिक क्रियाओं के लिये, वस्त्र उद्योग में धुलाई, रंगाई-छपाई के लिये, लौह इस्पात उद्योगों में धातु को ठंडा करने के लिये, कोयला उद्योग में कोक को धोने के लिये, रसायन उद्योग में क्षारों और अम्लों के निर्माण तथा चमड़ा उद्योगों में भी अधिक मात्रा में शुद्ध जल का प्रयोग होता है। ऊपरी महानदी बेसिन में कोरबा, चांपा, अकलतरा औद्योगिक क्षेत्र में 210.10 लाख घनमीटर जल मनियारी, खारंग एवं हसदेव-बांगो परियोजना से मिलती है। भिलाई इस्पात संयंत्र के लिये 41 लाख घनमीटर जल रविशंकर सागर परियोजना से प्राप्त होता है।
(3) शक्ति संसाधन के रूप में जल का उपयोग :
ऊपरी महानदी बेसिन के दो वृह्द जलाशय परियोजना है। इनमें (1) रविशंकर सागर परियोजना (गंगरेल) एवं (2) हसदेव बांगो परियोजना कोरबा (बिलासपुर) है। यहाँ शक्ति के उत्पादन में जल का उपयोग हो रहा है। बेसिन में कोयला से तापीय विद्युत शक्ति गृह केंद्र कोरबा में है। वर्तमान में औद्योगिक कारखानों के लिये, मशीनों को चलाने के लिये, धातु को गलाने एवं परिवहन के साधनों (रेलगाड़ियों आदि) में जल विद्युत शक्ति का प्रयोग होता है। यह सस्ता शक्ति उत्पादन होता है।