उषाकालीन सौंदर्य पर अपने विचार स्पष्ट किजिए।
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उषाकालीन सौन्दर्य के बारे में कवि कहता है कि सूर्योदय से ठीक पहले ही बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों का रंग एकदम से उषा की लाली से निखर जाता हैं। पेड़-पौधे, कलियाँ, फुल अपनी निद्रा से उठकर संसार को अपने प्रेम से सींचने लगते हैं। इसके बाद बालक समान सूर्य गगन में और ऊपर की ओर निकल पड़ता हैं।
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upper wala sahi hai
upper one answer is completely correct
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