Uske kar se bahar nikalte hi goli chali (mishr vakya mein )
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भाषा की संरचना (स्ट्रक्चर) कर्इ भाषिक इकाइयों से मिलकर पूर्ण होती है। इन भाषिक इकाइयों में से उच्चतम इकार्इ वाक्य है और सबसे नीचे की इकार्इ ध्वनि है। ध्वनियों के समुच्चय से शब्द बनता है और सार्थक शब्दों के समुच्चय से वाक्य बनता है। जिससे भाषिक अभिव्यकित की प्रक्रिया पूर्ण होती है। हर भाषा में वाक्य-रचना की अपनी शासन-व्यवस्थाएं हैं। इस रचना प्रक्रिया को भाषा संरचना की व्याकरणिक व्यवस्था अनुशासित करती है। भाषा में शब्द आदि यों ही नहीं रख दिए जाते उसकी एक तार्किक व्यवस्था होती है। जैसे-'को, राम मारा, ने, रावणµमें कोर्इ व्यवस्था नहीं है, इसीलिए कोर्इ अर्थ भी नहीं है। जबकि 'राम ने रावण को मारा में व्यवस्था है, अत: वाक्य का पूरा अर्थ या भाव भी समझ में आता है।
इस आधार पर वाक्य की परिभाषा है-
''सार्थक शब्द-समूह की उस तर्कपूर्ण क्रमिक व्यवस्था को वाक्य कहते हैं, जिससे अपेक्षित अर्थ पूर्ण रूप से व्यक्त होता है।
वाक्य की व्यवस्था को भाषा की प्रÑति के कुछ तत्त्व हमेशा प्रभावित करते हैं। वाक्य के छह अनिवार्य तत्त्व माने गए हैं- सार्थकता, योग्यता, आकांक्षा, निकटता, पदक्रम और अन्वय। इन तत्त्वों की सहायता से शुद्ध वाक्य बनते हैं और अर्थ ग्रहण हो पाता हैं वाक्य के दो अंग या अवयव होते हैंµ1. उíेश्य और 2. विधेय। वाक्य के भेद तीन आधारों पर किए जाते हैंµ
(क) अर्थ के आधार पर
(ख) रचना के आधार पर
(ग) वाच्य के आधार पर
इन आधारों पर वाक्य के भेद अनेक प्रकार के होते हैं-
वाक्य के भेद
अर्थ के आधार पर संरचना के आधार पर वाच्य के आधार पर
(8 भेद) (3 भेद) (3 भेद)
विधानवाचक
निर्षधवाचक सरल मिश्र संयुक्त कतर्ृवाच्य कर्मवाच्य भाववाच्य
Explanation:
Answer:
Hy
Explanation:
uske ghar se bahar nikalte hi goli Chali